चौपाइयाँ (श्रीराम जी)
*चौपाइयाँ*(श्रीराम जी)
करूँ वंदना रघुकुल-नायक।
हे जग-स्वामी,हे सुख-दायक।
हरो कष्ट हे दशरथ-नंदन।
करते सब हैं तेरा वंदन।
धरती काँप रही है थर-थर।
आतंकों के कारण डर-डर।
लेकर करो अंत धनु-सायक।
दानवता का रघुकुल-नायक।।
हे सीता-पति जगत पधारो।
सकल विश्व को शीघ्र उबारो।
बिना कृपा की तेरी भगवन।
मिले न शांति कभी जग चित-मन।।
दिखें दुखी सारे जग-वासी।
छाई चारों तरफ उदासी।।
अवधराज-कौशल्या-नंदन।
दूर करो अब आ जग-क्रंदन।।
अवधपुरी पुनि तुम्हें पुकारे।
शुचि मन से निज बाँह पसारे।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
नंदिता राय
12-Feb-2024 05:31 PM
Nice
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Gunjan Kamal
03-Feb-2024 09:15 PM
👏👌
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Punam verma
03-Feb-2024 09:06 AM
Nice👍
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